Parents Involvement and Support
- Samrin Khan
- Dec 23, 2024
- 2 min read
-Mrs. Aarti Thakur
माता-पिता की भागीदारी और समर्थन
माता-पिता की भागीदारी का अर्थहैबच्चों की पिक्षा और पिकास मेंमाता-पिता की सपिय भूपमका पिभािा। यह प्रपिया बच्चों की मािपसक, सामापिक और भाििात्मक पिकास मेंमहत्विूर्थयचगदाि देती है। अिुसोंधाि सेयह सापबत हुआ हैपक िब माता-पिता स्कू ल मेंिापमल हचतेहैं, तच बच्चों का िैक्षपर्क प्रदिथि, आत्म-पिश्वास और सामापिक कौिल मेंसुधार हचता है।
श्री देवदास कदम, SVS English School के अध्यक्ष, इस पिचार के प्रपत गहरेप्रपतबद्ध हैं। उन्चोंिेअििेअिुभि और अध्ययि के आधार िर देखा हैपक माता-पिता की भागीदारी के िल बच्चों की पिक्षा कच प्रभापित िही ोंकरती, बल्कि िूरेपिद्यालय के िातािरर् कच भी सकारात्मक बिाती है। उिका माििा हैपक एक मिबूत घर-स्कू ल साझेदारी बच्चों के समग्र पिकास के पलए अपििायथहै। श्री कदम के िेतृत्व में, स्कू ल माता-पिता कच सपिय रूि सेिापमल करिेके पलए कई िहलेंकर रहा है, पिससेसभी बच्चों कच एक उज्जिल भपिष्य प्रदाि पकया िा सके ।
माता-पिता की भागीदारी:
1. समय पिताना: अिुसोंधाि सेिता चलता हैपक बच्चों के सार् समय पबतािेसेउिके मिचिैज्ञापिक पिकास मेंमदद पमलती है। यह उिकी आत्म-गररमा कच बढाता हैऔर उन्ें सुरपक्षत महसूस कराता है।
2. पिक्षा मेंरुपि लेना: माता-पिता का सपिय हचिा बच्चों की िढाई मेंसकारात्मक प्रभाि डालता है। अध्ययि दिाथतेहैंपक िब माता-पिता अििेबच्चों की िढाई मेंरुपच लेतेहैं, तच बच्चों के प्रदिथि मेंसुधार हचता है।
3. पिम्मेदाररयााँस ौंिना: बच्चों कच पिम्मेदाररयचों का अिुभि करािेसेउिमेंआत्म-पिभथरता और समस्या सुलझािेकी क्षमता पिकपसत हचती है, िच उिके भपिष्य के पलए आिश्यक हैं।
4. भावनात्मक समर्थन: बच्चों की भाििाओों कच समझिेऔर व्यक्त करिेमेंमदद करिेसे उिकी मािपसक स्वास्थ्य मेंसुधार हचता है। यह उन्ेंकपििाइयचों का सामिा करिेमेंमिबूत बिाता है।
5. स्वतौंत्र सोि: बच्चों कच स्वतोंत्रता देिेसेउिकी पिर्थय लेिेकी क्षमता मेंसुधार हचता है, पिससेिेअपधक आत्म-पिश्वासी बितेहैं।
समर्थन:
1. उिलब्धियोौंकी सराहना: िब माता-पिता अििेबच्चों की सफलताओों की सराहिा करते हैं, तच यह उिके आत्मपिश्वास कच बढाता हैऔर उन्ेंऔर बेहतर करिेके पलए प्रेररत करता है।
2. असफलताओौं का समर्थन: अिुसोंधाि सेयह भी सापबत हचता हैपक असफलताओों के समय माता-पिता का सकारात्मक समर्थि बच्चों कच सीखिेऔर आगेबढिेमेंमदद करता है।
3. गपतपवपियोौंमेंभागीदारी: बच्चों कच उिकी रुपचयचों के अिुसार गपतपिपधयचों मेंभाग लेिेका अिसर देिा उिकी क्षमताओों कच पिकपसत करिेमेंसहायक हचता है।
4. पवत्तीय सहायता: पिक्षा मेंपित्तीय सहायता देिेसेबच्चों की आकाोंक्षाओों कच िूरा करिेमें मदद पमलती है, िच उिकी सफलता मेंसहायक हचती है।
5. मूल्ोौंकी पिक्षा: िैपतकता और िीिि के मूल्चों की पिक्षा बच्चों के व्यल्कक्तत्व के पिकास में महत्विूर्थभूपमका पिभाती है।
सौंवाद:
1. पनयपमत सौंवाद: बच्चों के सार् पियपमत रूि सेबात करिेसेउिके मिचभािचों और समस्याओों कच समझिेमेंमदद पमलती है, पिससेउिका मािपसक स्वास्थ्य बेहतर हचता है।
2. ध्यान सेसुनना: माता-पिता का ध्याि सेसुििा और सलाह देिा बच्चों कच यह महसूस कराता हैपक उिकी बातचों की अहपमयत है।
3. भावनाओौं का अवलोकन: बच्चों कच अििी भाििाएों व्यक्त करिेका अिसर देिा उिकी मािपसक स्वास्थ्य के पलए फायदेमोंद हचता है।
4. लक्ष्ोौंको समझना: माता-पिता का अििेबच्चों के लक्ष्चों कच समझिा और उिका समर्थि करिा उिके पिकास मेंसकारात्मक बदलाि लाता है।
5. खुलकर सौंवाद: िीिि के मूल्चों की पिक्षा देिेके पलए बच्चों के सार् खुलकर बात करिा आिश्यक है। यह उन्ेंबेहतर इोंसाि बिािेमेंमदद करता है।
श्री देिदास कदम के िेतृत्व में, SVS English School िेमाता-पिता और पिक्षकचों के बीच एक मिबूत सोंबोंध बिािेका प्रयास पकया है। उिका उद्देश्य यह सुपिपित करिा हैपक माता-पिता अििी भागीदारी सेबच्चों की पिक्षा कच और अपधक प्रभािी बिाएों, तापक िेएक उज्जिल भपिष्य की ओर बढ सकें ।
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